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क्या अडानी की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें ? अमेरिका ने केस पर भारत से मांगी मदद, गौतम और सागर अडानी को नोटिस की कोशिश; कानून मंत्रालय से संपर्क किया

Gautam Adani Case; US India | New York Federal Court: अमेरिका ने अडानी के खिलाफ धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी से जुड़े मामले में भारत सरकार से मदद मांगी है। अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने न्यूयॉर्क की संघीय अदालत को बताया कि रिश्वतखोरी मामले में गौतम अडानी और सागर अडानी को नोटिस देने की कोशिश की जा रही है।

एसईसी ने मंगलवार को अदालत को बताया कि उद्योगपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी भारत में मौजूद हैं। उन्हें नोटिस देने के लिए भारतीय अधिकारियों से मदद मांगी गई है। इसके लिए भारत के कानून मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है।

दरअसल, कारोबारी गौतम अडानी समेत 8 लोगों पर भारत में अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को धोखाधड़ी से हासिल करने का आरोप है। इस परियोजना को पाने के लिए उन्होंने 2 हजार करोड़ रुपये की रिश्वत देने की योजना बनाई थी। इस मामले में 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की संघीय अदालत में मामला दर्ज किया गया था।

अमेरिकी निवेशकों से झूठ बोलकर पैसे जुटाने का आरोप

धोखाधड़ी का यह मामला अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा था। आरोप था कि अडानी और अन्य ने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलकर पैसे जुटाए। फिर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2,029 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की योजना बनाई गई।

कहीं भी रिश्वत देने का जिक्र नहीं

चार्जशीट के मुताबिक, यह यूएस फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) का उल्लंघन है। खास बात यह है कि यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट के दस्तावेज में रिश्वत देने और प्लानिंग की बात कही गई है। रिश्वत दिए जाने की बात नहीं कही गई है। 20 नवंबर 2024 को कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई और यह मामला सामने आया।

अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था

अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था। 21 नवंबर को जारी बयान में ग्रुप ने कहा था- ‘अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। हम इनका खंडन करते हैं।’

अडानी की नेटवर्थ में 1 लाख करोड़ रुपए की गिरावट आई थी

इस खबर के सामने आने के बाद अडानी की नेटवर्थ में 1.02 लाख करोड़ रुपए की गिरावट आई थी। वहीं, केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ पावर ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार का सौदा रद्द कर दिया था। दोनों सौदे 21,422 करोड़ रुपए के थे।

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