High Court seeks report on Sambhal Jama Masjid: संभल की जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई होगी या नहीं? इलाहाबाद हाईकोर्ट कल यानी शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। गुरुवार को मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित की । इसमें मस्जिद के मुतल्लवी और एएसआई को भी शामिल किया है।
कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया कि 24 घंटे के अंदर यानी कल तक कमेटी मस्जिद का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट दें। इसके बाद कोर्ट रंगाई-पुताई पर अंतिम फैसला सुनाएगा। हाईकोर्ट ने कहा- क्योंकि रमजान का महीना शुरू होने वाला है। इसलिए, मस्जिद में रंगाई-पुताई की जरूरत है।
हालांकि, मस्जिद में ढांचे को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाए बिना रंगाई-पुताई कैसे होगी? ये कमेटी की रिपोर्ट के बाद कोर्ट तय करेगी। शुक्रवार को 10 बजे जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच पर इस मामले पर फिर सुनवाई होगी।
दरअसल, 25 फरवरी को जामा मस्जिद कमेटी के वकील जाहिर असगर ने मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कहा था- हम लोग हर साल रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई करते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है।
इससे पहले, रंगाई-पुताई को लेकर मुस्लिम पक्ष डीएम-ASI को लेटर भी लिखा था। हालांकि, डीएम ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। कहा था- यह मस्जिद ASI के अधीन है।
ऐसे में हर तरह के निर्णय ASI ही लेगी। हिंदू पक्ष रंगाई-पुताई का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि रंगाई-पुताई से मंदिर के साक्ष्य मिटाए जा सकते हैं। इसलिए परमिशन न दी जाए।
19 नवंबर को हुआ था जामा मस्जिद का सर्वे
जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम को चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। दोपहर में मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था।
इसी दौरान भारी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई।
2 जनवरी को दाखिल हुई थी सर्वे रिपोर्ट
2 जनवरी को संभल में शाही जामा मस्जिद की 45 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1200 से अधिक फोटो भी अदालत को दिए गए। इसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं।
मस्जिद में 50 से अधिक फूल, निशान और कलाकृतियां मिली हैं। अंदर 2 वट वृक्ष हैं। हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। एक कुआं है, उसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है। बाहर वाले हिस्से को ढंक दिया गया है।
पुराने ढांचे को बदला गया है। जिन जगहों पर पुराने ढांचे हैं, वहां नए निर्माण के सबूत मिले हैं। मंदिर वाले स्ट्रक्चर जैसे- दरवाजे, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है। मस्जिद के भीतर जहां बड़ा गुंबद है, उस पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है। ऐसी चेन का इस्तेमाल मंदिरों में घंटों को लटकाने में किया जाता है।