महासमुंद जिले से होकर गुजरने वाली जीवनदायिनी महानदी वर्षों से रेत चोरों का शिकार हो रही है। शासन की कार्रवाई केवल खानापूर्ति तक सीमित है, जिससे महानदी का अस्तित्व अब खतरे के निशान से बहुत ऊपर आ चुका है।

महानदी का उद्गम छत्तीसगढ़ के धमतरी से होता है, और यह जिला गरियाबंद, रायपुर, महासमुंद और बलौदा बाजार होते हुए ओडिशा जाती है। और इन तमाम जिलों में महानदी का पानी फसलों से लेकर निस्तारी और पीने के पानी तक के लिये उपयोग में लिया जाता है। लेकिन इन सभी जिलों में महानदी के दोनों तटों पर अवैध रेत उत्खनन जारी है। महानदी के एक तट पर रेत समाप्त हो चुकी है, और दूसरे तट पर भी अवैध उत्खनन जोरों पर है। रायपुर जिले की तरफ के रेत खदान लीज पर हैं, लेकिन महासमुंद जिले में बिना अनुमति रेत उत्खनन किया जा रहा है। लिहाजा इन तमाम जिलों का जलस्तर बेहद नीचे जा चुका है। जानकारों के अनुसार, यदि यह स्थिति जारी रही तो पीने के पानी की भी कमी हो सकती है। फसलों और निस्तरी तब हो ही नही सकेगा। ग्रामीणों की शिकायत पर कलेक्टर महासमुंद ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन देखना होगा कि यह आश्वासन कब तक पूरा होता है। महानदी का संरक्षण और अवैध रेत उत्खनन पर रोक लगाना आवश्यक है, ताकि भविष्य में जल संकट से बचा जा सके।

Janmajay Ssinha, Mahasamund(C. G.), Mo. 9826554944